कोडरमा, अगस्त 31 -- कोडरमा, वरीय संवाददाता। नगर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथावाचक आचार्य रामकरण सहल ने भगवान श्री सुखदेव जी के प्राकट्य, राजा परीक्षित के जन्म प्रसंग, भीष्म पितामह के स्वर्गारोहण तथा कलयुग के आगमन की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। आचार्य सहल ने प्रवचन में कहा कि भागवत कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मानव जीवन को उसके वास्तविक उद्देश्य की ओर मार्गदर्शन कराने वाली गाथा है। उन्होंने "अंत मति सदगति" का महत्व समझाते हुए कहा कि मृत्यु समय की मति ही जीव की गति तय करती है, इसलिए जीवनभर मन, वचन और कर्म से श्रीहरि के चरणों में स्थिर रहना चाहिए। यही मानव जीवन की सर्वोच्च साधना है। इस अवसर पर यजमान अनुप जोशी एवं उनकी धर्मपत्नी नीलम जोशी ने पूजा-अर्चना कर कथा का शुभारंभ कि...
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