मुजफ्फर नगर, नवम्बर 8 -- श्री श्यामा श्याम मंदिर में श्री मदभागवत कथा का कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। कलश यात्रा में 101 महिलाओं द्वारा सिर पर नारियल युक्त कलश यात्रा निकाली गई। शुक्रवार को कथा व्यास पंडित गोविंद बृजवासी ने कहा भागवत कथा का मूल मंत्र सदाचार है। जो इसे अपना लेता है, समाज उसे सम्मानित करता है। ऐसे व्यक्ति से भगवान भी प्रेम करते हैं। भागवत कथा में भक्ति ज्ञान, वैराग्य, ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, राजनीति का ज्ञान भरा है। कथा में महाराज ने कहा कि प्राचीन काल में तुंगभद्रा नदी के किनारे एक नगर था। वहां आत्मदेव नामक एक ब्राह्मण अपनी पत्नी धुन्धुली के साथ रहते थे। आत्मदेव अपने कार्य में निपुण थे, धुन्धुली कृपण और झगड़ालू स्वभाव की थी। धुंधुली-आत्मदेव का पुत्र धुंधकारी स्वयं के पापों के कारण मृत्यु उपरांत प्रेत बना।...