रामपुर, सितम्बर 17 -- गोसेवा गोपाल सेवा समिति के तत्वाधान में आदर्श धर्मशाला में चल रही श्री मदभागवत कथा में व्यास पंडित कन्हैयालाल शर्मा ठाकुर जी ने भगवान कृष्ण का मथुरा गमन एवं रुक्मिणी विवाह का मार्मिक वर्णन किया। कथा में प्रवचन देते हुए व्यास जी ने बताया की रुक्मिणी ने भगवान श्री कृष्ण से संदेश से रूप में कहा कि हे प्रभु मुझ में नारी सुलभ समस्त गुण है। आपसे मेरी विनती है, जब मैं गौरी पूजन के लिए मंदिर से पूजा अर्चना कर वापस लौट रही हूं, तब आप मेरा वरन कर मुझे ले जाएं, क्योंकि मेरा भाई रुक्मण मेरा विवाह शिशुपाल से करना चाहता है। मैं शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती। व्यास जी ने भक्तों को बताया कि भगवान मांरते नहीं तारते हैं, गुरु और भगवान के सामने जीव को सम्मान पाने की इच्छा नहीं करना चाहिए। दुर्जन लोग अपनी प्रशंसा स्वयं करते हैं, सज्ज...