नई दिल्ली, सितम्बर 22 -- देवी कवच का उपदेश ब्रह्मा जी ने श्री मार्कण्डेय ऋषि को किया था। मां दुर्गा कवच का मतलब है मां का सुरक्षा घेरा। इस कवच में मां दुर्गा से रक्षा करने की प्रार्थना की गई है। इस कवच में अपूर्व शक्ति है। इसमें देवी के विभिन्न नामों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। इसके पाठ से व्यक्ति हर प्रकार से सुरक्षित हो जाता है। यह कवच मार्कंडेय पुराण का हिस्सा है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा कवच को भगवान ब्रह्मा ने ऋषि मार्कंडेय को सुनाया था। इस प्रकार कहा जाता है जो कोई इसका पाठ करता है, उस मां से शक्ति मिलत है। ॐ नमश्चण्डिकायै। ॐ यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम्। यन्न कस्य चिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह॥1॥ ॥मार्कण्डेय उवाच॥ ॥ब्रह्मोवाच॥ अस्ति गुह्यतमं विप्रा सर्वभूतोपकारकम्। दिव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृणुष्वा महामुने॥2॥...
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