देहरादून, मार्च 15 -- डीएल रोड स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में शनिवार को गौर पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। संध्या के समय हुए कार्यक्रम में गौरांग महाप्रभु के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक कराया गया। अभिषेक के दौरान भक्त, कीर्तन ध्वनि में मंत्र मुक्त दिखाई दिए। कथा में त्रिदंडी महाराज ने बताया गौरांग महाप्रभु का जन्म बंगाल के नवद्वीप धाम में हुआ। बचपन से ही गौरांग भगवान की भक्ति में लीन रहते थे। 24 वर्ष की आयु में उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया था। भक्ति को संकीर्तन का रूप महाप्रभु ने ही दिया। उन्होंने शस्त्रों से नहीं बल्कि शास्त्रों से पापियों का उद्धार किया। मठ रक्षक त्यागी महाराज ने बताया भक्ति प्रेम को जगत में प्रसारित करने के लिए ही महाप्रभु इस धरती पर आए। शनिवार को गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में हुए जगन्नाथ मिश्र महोत्सव के बार...