देहरादून, जुलाई 10 -- डीएल रोड स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में गुरु पूजा और पुष्पांजलि के बाद मठ रक्षक त्यागी महाराज ने कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को सबसे बड़ा गुरु बताते हुए कहा कि वह सभी के प्रेरणास्रोत एक आदर्श गुरु हैं। उन्होंने सनातन धर्म के अनेक ग्रंथ लिखे। वेदों के विभाग, वेदांत सूत्र की रचना की। महाभारत व श्रीमद्भागवत गीता की रचना की। त्रिदंडी महाराज ने श्री चैतन्य महाप्रभु की परंपरा के महान आचार्य सनातन गोस्वामी के तिरोभाव तिथि के उपलक्ष में उनके जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि वह अपना शरीर छोड़कर आज ही के दिन गोलुक धाम गए थे। उन्होंने अपने भाई रूप गोस्वामी के साथ पूरे ब्रजमंडल की कृष्ण लीला स्थलियों को प्रकाशित किया। उन्होंने शिक्षा दी कि जब भगवान से प्रेम होगा तो संसार से वैराग्य अपने आप हो जाएगा। कथा के बा...