भागलपुर, जुलाई 3 -- पीरपैंती निज प्रतिनिधि प्रखंड के ईशीपुर कालीमाता मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा में छठे दिन बुधवार को कथा वाचिका साध्वी मां सृष्टिलता ने भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह कथा प्रसंग की संगीतमय विस्तृत व्याख्या की।तथा कहा कि रुक्मिणी जगदम्बा का रूप थीं।उसका भाई रुकुम उसका विवाह चंदेरी नरेश शिशुपाल से कराना चाहते थे।परंतु नारद जी ने पहुंचकर रुक्मिणी को जब यह कहा कि आपके जीवन मे नंद के लाल जो द्वारिकाधीश हैं वे ही आएंगे।आपका विवाह उसी से होगा।तब रुक्मिणी ने नारद जी की बातों को सुन द्वारिकाधीश श्री कृष्ण को एक पत्र लिखा।तथा कहा हे द्वारिकाधीश मैं विवाह आपसे ही करूंगी।यदि मेरे भाई ने मेरा विवाह शिशुपाल से किया तो मैं वहीं मर जाऊंगी।तब श्री कृष्ण पत्र पढ़कर तुरंत ही रथ लेकर वहां पहुंचे जहां रुक्मिणी माता गौरी की पूजा कर...