मुजफ्फर नगर, नवम्बर 8 -- गांधीनगर स्थित श्री श्यामा श्याम मंदिर में शनिवार को कथा वाचक गोविंद बृजवासी ने बताया एक बार शिव माता पार्वती को कथा सुना रहे थे। माता को नींद आ गई। श्री राधे भक्त चूहा कथा से सुनने लगा। भगवान शिव के क्रोधित होने से वह चूहा महर्षि व्यास के पुत्र रूप में माता के गर्भ से जन्म लेने पर व्यास जी के पुत्र शुकदेव कहलाए। कथा वाचक ने बताया कि गर्भ से बाहर निकलने के लिए: जब शुकदेव जी को शिव के भय से बारह साल तक गर्भ में छिपे रहने के बाद, श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर आश्वासन दिया कि यदि वे गर्भ से बाहर निकलेंगे तो उन पर उनकी माया का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस आश्वासन के बाद ही वह अपनी माता के गर्भ से बाहर आए। श्रीकृष्ण की कहने से ही शुकदेव जी राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सुनाने के लिए प्रेरित हुए। कथा वाचक ने बताया कि ...