फरीदाबाद, फरवरी 10 -- फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में श्रीलंका के हस्तशिल्पी एमडी आनंदा लाल महोगनी की लकड़ी से बनी शिल्पकला को लेकर पहुंचे हैं। पहली बार मेले आए एमडी आनंदा लाल भारत की मेहमान नवाजी और भोजन अत्यधिक पसंद आई हैं। उनका मानना है कि भारत और श्रीलंका की सभ्यता एक जैसी ही है। मोहगनी की लकड़ी पर की जाने वाली वॉल वुड कार्विंग के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि गॉल वुड कार्विंग लकड़ी पर प्राचीन नक्काशी कला है। पहले राजा महाराजाओं और देवी-देवाताओं के मुखौटे तैयार किया जाते थे। अब मुखैटों के साथ-साथ देवी-देवताओं की मूर्ति भी तैयार की जाती है। ये मूर्तियां पूरी तरह हाथ से हाथ तैयार की जाती हैं। इसमें हथौड़ी और छेनी के अलावा कई तरह के ब्लेड का प्रयोग किया जाता है। मूर्ति के तैयार होने के बाद रेगमाल के घ...