मुजफ्फर नगर, मई 16 -- श्री श्यामा श्याम मंदिर में श्री राम कथा में कथा व्यास गोविंद बृजवासी ने बताया श्री राम-लक्ष्मण दोनों महर्षि विश्वामित्र के आश्रम में थे। मिथिला नरेश जनक ने सीता के स्वयंवर का विचार कर सभी राजा महाराजाओं ऋषिमुनियों के साथ महर्षि विश्वामित्र को भी निमंत्रण भेजा,विश्वामित्र दोनों भाइयों को साथ लेकर मिथिला राज्य में गए। वहां जाकर प्रात: श्री राम महर्षि की पूजा के लिए पुष्प लेने वाटिका में गए। उधर सीता जी वाटिका में माता पार्वती की पूजा करने आई थी। जैसे ही श्रीराम ने जनकनंदिनी को देखा और उधर सीता ने श्री राम को देखा दोनों मंत्र मुग्ध हो गए। अगले दिन स्वयंवर में दूर दूर से राजा महाराजा पधारे। सभी राजा महाराजाओं ने ताकत लगाई परन्तु कोई उसको तिल भर हिला भी नहीं सका। श्री राम ने महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा लेकर धनुष को उठाया...