बुलंदशहर, मार्च 27 -- नरौरा नगर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन मर्यादा श्रीपुरुषोत्तम राम के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कथा व्यास आचार्य गौरव दीक्षित ने कहा कि संसार में रहकर यदि गृहस्थ धर्म का पालन करना है तो भगवान श्रीराम के चरित्र का दर्शन करना होगा। भगवान श्रीराम ने मातृ-पितृ भक्ति के साथ अपने समस्त जीवन को मर्यादित ढंग से जिया। पिता के एक वचन पर समस्त राज्य के मोह का परित्याग कर 14 वर्ष का बनवास स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि राम का चरित्र जीने का ढंग सिखाता है, अतः हर एक भक्त को राम के चरित्र का दर्शन अवश्य करना चाहिए। विशेष रूप से श्रीमद् भागवत कथा के दौरान सुंदर झांकियां भी रहीं। भगवान कन्हैया के जन्मोत्सव का मार्मिक वर्णन किया। भक्तों ने नंद के आनंद भयो ''जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा दिनी पालकी जैसे भजनों से जन्मोत्सव को ...