कौशाम्बी, अक्टूबर 10 -- नगर पंचायत अजुहा कस्बे में आयोजित रामलीला के छठवें दिन गुरुवार की रात श्रीराम-केवट संवाद, वाल्मीकि आश्रम, दशरथ मरण की लीला का मंचन फतेहपुर के कलाकारों ने किया। श्रीराम विचरण करते हुए शृंगवेरपुर पहुंचते हैं। यहां उनकी मुलाकात बचपन के मित्र निषादराज भील से होती है। राम सुमंत से कहते हैं कि सुमंत अब तुम जाओ और हमें वन में विचरण करने दो। मंत्री सुमंत अयोध्या की ओर लौट जाते हैं। निषादराज और श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी चारों गंगा तट पर पहुंचते हैं। वहां केवट की प्रतीक्षा करते हैं। इसके बाद श्रीराम-केवट का संवाद होता है। मांगी नाव न केवट आना, कहई तुम्हार मर्म मै जाना। उसके बाद भगवान श्रीराम-केवट के सिर पर हांथ रख देते हैं। इधर, हे राम, हे राम कहते हुए वियोग में राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। फिर गुरु वशिष्ठ की आज्ञा पर भरत व...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.