संतकबीरनगर, सितम्बर 29 -- पौली, हिन्दुस्तान संवाद। ब्लॉक क्षेत्र के धौरहरा स्थित दुर्गा मंदिर में चल रहे पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ में कथा प्रवचन में अयोध्या धाम से आए शास्त्री रितिकानन्द ने रविवार को ताड़का वध और अहिल्या मुक्ति का प्रसंग सुनाया। कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम जन्म के बाद के बाद गुरु वशिष्ठ द्वारा नामकरण किया गया। इसके बाद विद्या अध्ययन के लिए चारों भाई गुरुकुल में गए। विद्या अध्ययन से वापस अयोध्या आने पर जब ताड़का, मारीच, सुबाहु विश्वामित्र के यज्ञ विघ्न डाला गया तो विश्वामित्र जी राजा दशरथ से उनके दोनों पुत्रों को मांग कर अपने साथ अश्राम ले गए। रास्ते मे जहां पर एक ही बाण में ताड़का राक्षसी का वध किया। विश्वामित्र के यज्ञ में उपद्रव करने आए सुबाहु राक्षस का वध करते हुए मारीच को 100 योजन स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.