हापुड़, अक्टूबर 1 -- गढ़मुक्तेश्वर। गांव भैना में चल रही श्रीराम कथा के तृतीय दिवस पर कथा व्यास पंडित रामकृष्ण दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को जीवन में अहंकार त्यागने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अहंकार भगवान का भोजन है, इसलिए भगवान अपने भक्तों में अहंकार को कभी पनपने नहीं देते। कथा व्यास ने भगवान के अवतार प्रयोजन का वर्णन करते हुए नारद मुनि से जुड़ी कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि एक बार नारद जी भजन में लीन थे, तभी कामदेव ने उनकी तपस्या भंग करने का प्रयास किया। लेकिन नारद जी पर कामदेव का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इस बात का उन्हें अहंकार हो गया। नारद जी ने अपनी विजय की चर्चा शंकर भगवान से की और फिर विष्णु भगवान को भी यह बात बताई। विष्णु भगवान ने देखा कि नारद जी अहंकार से ग्रसित हो गए हैं। उनके अहंकार को दूर करने के लिए भगवान ने अपनी माया से एक...
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