बाराबंकी, अगस्त 20 -- दरियाबाद। रामकथा जीने की कथा है। जीवन में कितने भी संकट आए लेकिन कभी राम का नाम नहीं भूलना चाहिए। मनुष्य को दु:ख से परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि आज दु:ख है, तो कल सुख जरूर आएगा और आज सुख है तो दु:ख के लिए तैयार रहना चाहिए। कथाव्यास प्रशांत जी महाराज ने कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं को राम नाम की महिमा से परिचित कराते हुए कहा कि राम कथा सुनना और कराना दोनों ही अत्यंत सौभाग्य की बात है। यह कथा केवल सनातन धर्म के अनुयायियों तक सीमित नहीं, बल्कि समस्त मानवता के कल्याण का मार्ग है। प्रशांत जी महाराज ने कहा कि राम नाम स्वयं में ब्रह्म है और इसी नाम के स्मरण मात्र से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि अपने हर कार्य में राम नाम को साक्षी मानें और दिन-रात इस नाम का जप करें। राम नाम ऐसा...
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