बदायूं, सितम्बर 9 -- बिल्सी। नगर के माहेश्वरी भवन में श्री रामकृष्ण समिति की ओर से आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन कथावाचक अयोध्यादास जी रामायणी ने भगवान राम और केवट संवाद की कथा को बड़े ही मनोहरी ढंग से सुनाया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक ने सुनाया कि जब भगवान राम, लक्ष्मण, सीता सहित गंगा के किनारे केवट को पार उतारने के लिए कहते हैं तो केवट कहता है हे प्रभु आपके मरम को मैं जानता हूं। जब शिला नारी बन सकती है तो मेरी नाव तो काठ की है। ये छूते ही उड़ जाएगी। मैं इसी से अपना परिवार पालता हूं। इसलिए प्रभु पांव धुलकर ही हम नाव पर बैठाएंगे। भगवान राम केवट का प्रेम देख मुस्कुरा कर बोले केवट मुझे विलंब हो रहा है। तुम मेरा पैर धुल सकते हो। केवट कठौता में गंगाजल भर कर प्रभु का पैर धुलकर नाव में बिठाकर गंगा पार कराता है। केवट राम के...