भागलपुर, दिसम्बर 25 -- भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गोशाला प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन बुधवार को कथावाचक पंडित रविशंकर ठाकुर ने ऋषि विश्वामित्र और प्रभु श्रीराम से जुड़े प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान राजा दशरथ के चारों पुत्रों के नामकरण संस्कार, गुरुकुल प्रस्थान, ज्ञान प्राप्ति के बाद अयोध्या लौटने तथा ऋषि विश्वामित्र की मांग पर दशरथ की दुविधा और अंततः सहमति की कथा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि ऋषि विश्वामित्र ने अपने यज्ञ की रक्षा के लिए राजा दशरथ से प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को इसलिए मांगा था, क्योंकि मारीच और सुबाहु जैसे राक्षस यज्ञ में बाधा डाल रहे थे। यहीं से प्रभु श्रीराम की धर्म रक्षा और दिव्य शक्तियों की यात्रा की शुरुआत हुई। प्रभु श्रीराम द्वारा ताड़का वध और ऋषि विश्वामित्र आश्रम को न...