हापुड़, मई 12 -- नगर के मोहल्ला चाह डिब्बा में सेवा भारती के तत्वावधान में विगत दस वर्ष से अनवरत संचालित श्रीरामचरित मानस का पाठ मोहल्ला चाह डिब्बा में प्रभु दयाल शर्मा के आवास पर हुआ। जिसमें श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कथा व्यास रामकेश सिंह ने अयोध्या काण्ड के दोहा 123 से आगे बताया, गोस्वामी तुलसीदास जी लिखते हैं, सुन्दर वन, तालाब और पर्वत देखते हुए प्रभु श्रीराम वाल्मिकि जी के आश्रम में आए, श्रेष्ठ मुनि वाल्मिकि जी ने प्राण प्रिय अतिथियों को पाकर उनके लिए मधुर कन्द, मूल और फल मंगवाये। श्री सीता जी, लक्ष्मण जी, और रामचन्द्र जी ने फलों को खाया। श्री राम ने कहा कि हे मुनि नाथ आप त्रिकाल दर्शी हैं, सम्पूर्ण विश्व आपके लिए हथेली पर रखे हुए बेर के समान है ।तब मुनि ने कहा कि हे राम आपका स्वरूप वाणी के अगोचर, बुद्धि से परे, अव्यक्त, अकथनीय, और अपा...