अयोध्या, अक्टूबर 7 -- अयोध्या, संवाददाता। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विधि विभाग में सोमवार को प्राक्-दीक्षांत सप्ताह के तहत व्याख्यान का आयोजन कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'धर्म, नीति और न्याय रहा। श्रीरामचरितमानस के आलोक में भारतीय संविधान की व्याख्या पर मुख्य वक्ता रहे साकेत महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग प्रो. अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि श्रीरामचरितमानस केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि शासन और न्याय का जीवनदर्शन है। धर्म, नीति और न्याय ये तीनों भारतीय संविधान की आत्मा के रूप में आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने श्रीराम के युग में थे। उन्होंने कहा कि रामराज्य की भावना लोककल्याणकारी राज्य की आधुनिक अवधारणा के समान है, जिसमें न्याय, समानता और करुणा का समन्वय निहित है। ...