हरिद्वार, जुलाई 16 -- मनसा देवी चरण पादुका मंदिर परिसर में बुधवार को श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत गीता की पुस्तकें बांटी गईं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने सरकारी स्कूलों में गीता पढ़ाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति के संरक्षण की दिशा में अहम निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन दर्शन है, जो बच्चों को बचपन से ही धर्म, कर्म, नीति और आचरण की शिक्षा देकर उन्हें चरित्रवान नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करेगी। कहा कि श्रीमद्भागवत गीता मानव जीवन के हर पहलू को छूती है। यह बच्चों में नैतिक मूल्यों की समझ और जीवन जीने की कला विकसित करती है।

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