हापुड़, मई 2 -- दीन दुखियों की मदद करने वालों पर भगवान की असीम कृपा बरसती है, इसलिए अपनी सामथ्र्य के अनुसार गरीब निराश्रितों की हरसंभव मदद करते रहें। ब्रजघाट गंगानगरी में अमृत परिसर धर्मशाला के पास चल रही श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस में गुरुवार को गोकर्ण उपाख्यान का वर्णन सुनकर महिला बच्चों समेत भक्तों की भीड़ भाव विहोर हो उठी। वृंदावन धाम से आए व्यास मोहन दास ने गोकर्ण उपाख्यान का वर्णन करते हुए कहा कि आत्मदेव के घर में कोई पुत्र नहीं है, तो वे पुत्र के लिए रोते हैं। पुत्र नहीं होता है तो माता पिता दो चार साल रोते हैं, परंतु अगर पुत्र होने के बाद नालायक हो जाए तो माता पिता जीवन भर रोते हैं। यह संसार बड़ा विचित्र है जैसी ममता हम संसार में करते हैं, वैसी ममता भगवान के चरणों में हो जाए तो कल्याण हो जाएगा। जिसको तुमने अपना माना है यह त...
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