शामली, नवम्बर 7 -- पूर्वी यमुना नहर के किनारे बसे प्राचीन सिद्ध पीठ मनकामेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय दिव्य श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ का द्वितीय दिवस शुक्रवार को श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम बन गया। कथा की अमृत वर्षा ने सैकड़ों श्रोताओं को भक्ति के आलोक से नहला दिया। शुक्रवार को मंदिर परिसर में सुबह से ही वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन की ध्वनियां गूंज रही थीं। कथा का शुभारंभ कलश यात्रा और गणेश-वंदना से हुआ, उसके बाद ब्रह्मस्वरूपानन्द महाराज ने श्रीमद् भागवत पुराण के प्रथम स्कंध की गहन व्याख्या की। उन्होंने भगवान विष्णु के अवतार लीला, सृष्टि चक्र और भक्ति मार्ग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए श्रोताओं को बताया कि श्रीमद् भागवत श्रवण से जन्मजन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा जीवन तृष्णाओं से मुक्त होकर परम शांति प्राप्त...
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