सहारनपुर, जून 4 -- श्रीमद् भागवत ज्ञानामृत सप्ताह के दूसरे दिन आचार्य पंडित भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा कि भागवत पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की संपूर्ण कथा का सार मिलता है और भागवत पुराण अट्ठारह हजार श्लोक में लिखा गया है। श्री राधे गोविंद सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य पंडित भगवती प्रसाद शुक्ल ने भागवत पुराण की महिमा का वर्णन करते हुए बताया की मानव शरीर किसी कर्म का फल नहीं होता है। यह 84 लाख़ योनियों को भोगने के बाद मानव जन्म मिलता है। बताया कि सभी योनियों के साथ देव योनि में भी भोग भोगना होता है। परंतु मानव जन्म में ही कर्म करने का अधिकार मिलता है। कथा के दूसरे दिन की कथा के यजमान अश्वनी गर्ग, सारिका गर्ग द्वारा विधिवत पूजन, आरती करते हुए प्रसाद वितरण किया गया।
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