बक्सर, नवम्बर 22 -- पेज-04 के लिए ब्रह्मपुर, निज संवाददाता। अंचल के सपही गांव में राजकीय धनवंतरी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. तेज नारायण चौबे के यहां चल रहे श्रीमद् भागवत कथा हुआ। इस दौरान उपस्थित भक्तों के बीच कथा सुनाते हुए आचार्य जन्मजेय शास्त्री ने कहा कि संतों की वाणी कल्याण करने वाली होती है व सब दुखों को हरने वाली होती है। उन्होंने कहा कि भगवान केवल अहंकार का भोजन करते हैं, जैसे इंद्र को अहंकार हो गया था उनका अहंकार तोड़ने के लिए स्वयं कृष्ण ने अंगुली से गोवर्धन को उठाया था। इसलिए मनुष्य को कभी भी अपने धन व पद का अभिमान नहीं करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा का मुख्य उद्देश्य भगवान की प्राप्ति मोह माया से वैराग्य को समाप्त कर भगवान को प्राप्त करना होना है। सभी कथाओं में श्रीमद भागवत कथा श्रेष्ठ होती है। भागवत की कथा जहां होती है ...