मुरादाबाद, नवम्बर 19 -- कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास आचार्य ओम कृष्ण शास्त्री महाराज ने कथा में भगवान के विवाह का वर्णन किया। उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की द्वारकापुरी जब सुदामा जी पहुंचे, तब भगवान ने उनका स्वागत किया, उनके चरणों को जल से धोया और कहा मैं आज जो भी हूं ब्राह्मण की कृपा से हूं, भगवान ने दो मुट्ठी चावल में सुदामा को सारा सुख, ऐश्वर्य ,वैभव दे दिया। भगवान केवल प्रेम और भाव से प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें मोक्ष प्रदान करती है, हमारे जीवन की थकान को मिटाती है। परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि सुखदेव भगवान चाहते तो राजा परीक्षित की मृत्यु को टाल सकते थे, परंतु सुकदेव भगवान ने परीक्षित से कहा कि गोविंद तो केवल 7 मिनट में प्राप्त होता है। भगवान का नाम का संकीर्तन सभी पापों क...