धनबाद, अप्रैल 14 -- धनबाद, वरीय संवाददाता बैंक मोड़ शांति भवन स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन भक्ति, प्रेम और उल्लास से परिपूर्ण रहा। मारवाड़ी महिला समिति की ओर से आयोजित इस दिव्य आयोजन के सातवें और अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण की द्वारकाधीश लीला, जरासंध वध, राजसूय यज्ञ, सुदामा चरित्र, योगेश्वर श्रीकृष्ण के उपदेश तथा भगवान दत्तात्रेय के 24 गुरुओं के ज्ञान का मार्मिक और प्रेरणादायी वर्णन किया गया। कथावाचक पंडित उदय तिवारी ने भगवान के द्वारका गमन और द्वारकाधीश रूप का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए द्वारका की स्थापना की। उन्होंने जरासंध के अत्याचार का अंत कर पांडवों को सहयोग दिया, जिससे वे इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ कर सके। कथा के समापन पर फूलों की होली खेली गई...