बुलंदशहर, जून 6 -- श्रीमद् देवी भागवत कथा में व्यास राजेंद्र गौड़ ने राजा परीक्षित की तक्षक के डसने से मृत्यु होने, शुभ मुहूर्त आने पर राजकुमार जन्मेजय को सिंहासन का अधिकारी बना देने की कथा सुनाई। शुक्रवार को देवी कथा में व्यास राजेंद्र गौड़ ने कहा कि जन्मेजय को संपूर्ण धनुर्वेद सिखा दिया। काशी नरेश सुवर्णवर्माक्ष की कन्या वपुष्टा से इनका विवाह हुआ। एक बार तक्षक से बैर के कारण उत्तंक ने जन्मेजय को तक्षक के विरुद्ध भड़का दिया। अतः राजा ने सर्प मेध यज्ञ का आयोजन किया। सांपों की आहुति आरंभ हो गई। तक्षक भयभीत होकर इंद्र की शरण में चला गया। तब मुनि उतंक ने इंद्र सहित तक्षक का आह्वान किया। इधर तक्षक ने एक से नाम वाले माता-पिता जरत्कारू के यायावर कुल की धर्मात्मा पुत्र आस्तीक का स्मरण किया। आस्तीक ने राजा से यज्ञ बंद करने को कहा। राजा मुनि से वच...