फैजाबाद, फरवरी 2 -- बीकापुर, संवाददाता। श्रीमद्भागवत का आश्रय लिया जाए तो सब कुछ प्राप्त हो सकता है। भागवत सुनकर किसी फल की कामना नहीं करनी चाहिए अपितु श्रीमद्भागवत श्रवण करना ही सबसे बड़ा फल है। उक्त बातें सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में द्वितीय दिवस की कथा में व्यास पीठाधीश्वर आचार्य ज्ञान चंद्र द्विवेदी ने अपने प्रवचन में कही। विकास खंड बीकापुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा तोरोमाफी दराबगंज मजरे शिव तिवारी का पुरवा में कथा का आयोजन किया गया था। श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन परीक्षित के जन्म की कथा एवं भीष्म पितामह की भावपूर्ण स्तुति को श्रोताओं ने बड़े प्रेम से श्रवण किया। भीष्म पितामह बाणों की शैय्या पर पड़े पड़े भगवान से एक ही वरदान मांगते है कि हे श्यामसुंदर जब तक मेरा प्राण उत्सर्जित ना हो जाए तब तक आप मेरे आंखों के सामने...