बक्सर, सितम्बर 5 -- प्रवचन श्रीमद्भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है धुंधकारी जैसे कबाबी, महापापी प्रेत आत्मा का उद्धार होता है बक्सर, निज संवाददाता। शहर के सिविल लाइंस स्थित श्री साईं उत्सव वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के दूसरे दिन आचार्य रणधीर ओझा ने कहा कि कलयुग में श्रीमद्भागवत महापुराण श्रवण करना कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। क्योंकि कल्पवृक्ष मात्र तीन वस्तु अर्थ, धर्म और काम ही दे सकता है मुक्ति और भक्ति नहीं दे सकता है। लेकिन श्रीमद्भागवत तो दिव्य कल्पतरू है यह अर्थ ,धर्म ,काम के साथ-साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीवन को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहां कि श्रीमद्भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है । इसके एक-एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं। कथा सुनना, समस्त दान, व्रत, ती...