जौनपुर, अक्टूबर 10 -- खुटहन, हिन्दुस्तान संवाद। बीरमपुर गांव में आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में गुरुवार को अयोध्या से पधारे पीठाधीश्वर स्वामी हरि नारायणाचार्य महराज ने ज्ञान, भक्ति और वैराग्य की गंगा बहाई। हरि नारायणाचार्य महराज ने कहा कि श्रीमदभागवत सबसे प्राचीन और ऐसा महान धर्म ग्रंथ है जिसके श्रवण, मनन और वाचन मात्र से मानव का भवसागर से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। कहा कि यह स्वयं ईश्वर के मुख से उद्धृत है। इसे सर्व प्रथम भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को मात्र चार श्लोकों में सुनाया था। ब्रह्मा ने महर्षि नारद को और नारद ने वेदव्यास को विस्तार पूर्वक सुनाया। वेदव्यास ने 18 हजार श्लोकों में इसे वर्णित कर सुखदेव को सुनाया। सुखदेव ने राजा परीक्षित को बहुत विस्तार पूर्वक कथा सुनाई थी। नारायण के मुख से प्रकट यह महान ग्रंथ ...
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