अयोध्या, नवम्बर 3 -- बीकापुर। भावापुर मजरे नेवादा गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के आयोजक रमाकांत दुबे के दरवाजे पर कथा व्यास आचार्य ज्ञानचंद द्विवेदी ने पंचम दिवस की कथा कही। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत में केवल भगवान ही प्रतिपाद्य हैं, क्योंकि ज्ञान, वैराग्य, धर्म, ऐश्वर्य, यश और श्री- ये छह गुण जिसमें पूर्ण रूप से निवास करते हैं, वही भगवान कहलाते हैं। नंद बाबा द्वारा पुत्र जन्म पर उत्सव, ब्राह्मणों का पूजन, गायों का दान और संस्कारों का उल्लेख किया। इस मौके पर मुख्य यजमान रमाकांत दुबे व मधुरलता दुबे सहित विनय पाण्डेय, रमाकांत पाण्डेय, कमलेश द्विवेदी, विमलेश द्विवेदी, सूर्य प्रकाश मिश्रा, सूर्य नारायण दुबे, पंकज द्विवेदी सहित मौजूद रहे। ------

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