संभल, जुलाई 5 -- तहसील क्षेत्र के सिंहावली स्थित श्री गोपाल धाम बाबरे बाबा आश्रम पर आयोजित सप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रोताओं ने राजा परीक्षित की कथा, उनके द्वारा की गई गलती, ऋषि श्रृंगी के श्राप और उसके परिणामस्वरूप हुई मृत्यु के बारे में विस्तार से श्रवण किया। अलीगढ़ जनपद से आए कथा शास्त्री पंडित सतीश सत्यम ने बताया कि राजा परीक्षित महाभारत के महान योद्धा अर्जुन के पौत्र थे। एक बार शिकार के दौरान वह प्यासे होकर ऋषि शमीक के आश्रम पहुंचे। ऋषि ध्यान में लीन थे, उत्तर न मिलने पर राजा ने मरे हुए सांप को ऋषि के गले में डाल दिया, जिससे उनके पुत्र ऋषि श्रृंगी क्रोधित हो गए और राजा को सातवें दिन तक्षक नाग द्वारा मृत्यु का श्राप दे दिया। पंडित सतीश सत्यम ने बताया कि श्राप मिलने के बाद राजा ने प्रायश्चित स्वरूप सात दिनों तक श्रीमद्भाग...