मुजफ्फर नगर, नवम्बर 18 -- मुजफ्फरनगर। सनातन धर्म सभा भवन निकट झांसी की रानी पर आयोजित कथा में छठें दिन कथावाचक सुधाकर महाराज ने रूक्मणि विवाह का वर्णन किया। कथा वाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में रुक्मणि विवाह का वर्णन अत्यंत सुंदर और भावनात्मक है। रुक्मणि, जिन्हें लक्ष्मी माता का अवतार माना जाता है, विदर्भ राज्य के राजा भीष्मक की पुत्री थीं। उन्होंने मन ही मन श्रीकृष्ण को ही अपने पति रूप में स्वीकार कर लिया था। किंतु उनके भाई रुक्मी उनकी इच्छा के विरुद्ध उनका विवाह शिशुपाल से कराना चाहता था। श्रीकृष्ण ने उनका हरण किया। इस पर शिशुपाल और अन्य राजा रुक्मणि को छुड़ाने के लिए युद्ध करने लगे, जिसमें श्रीकृष्ण की विजय हुई। द्वारका में विवाहरुक्मणि के हरण के बाद श्रीकृष्ण उन्हें द्वारका लेकर गए, जहाँ विधिवत उनकी शादी हुई और सारे नगर में उत्सव मन...