रांची, फरवरी 18 -- नामकुम, संवाददाता। टाटीसिलवे के ईईएफ मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पूज्य इंद्रेशजी उपाध्याय ने श्रीकृष्ण लीला के कई महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया। महाराज जी ने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म और अन्याय बढ़ता है, तब भगवान स्वयं अवतरित होते हैं। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ, जहां उनके माता-पिता वसुदेव और देवकी कैद में थे। जन्म के समय चारों ओर अंधकार था, परंतु जैसे ही बाल गोपाल प्रकट हुए, पूरा कारागार प्रकाश से जगमगा उठा। यह प्रसंग इस सत्य को दर्शाता है कि जब जीवन में कठिनाइयों का अंधकार बढ़ता है तो भगवान का प्रकाश हमें राह दिखाने आता है। माखन चोरी लीला भक्ति और प्रेम का प्रतीक इंद्रेशजी उपाध्याय ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी लीला केवल एक बाल लीला नहीं बल्कि गहरा आध्यात्मिक...
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