संभल, नवम्बर 25 -- थाना क्षेत्र के गांव अकरौली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं ने भक्ति रस में डूबकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद लिया। व्यास श्री अशोक दीक्षित जी ने कथा प्रारंभ करते हुए श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं एवं रास लीला का महत्व समझाया। व्यास जी ने कहा कि रास लीला काम को बढ़ाने की नहीं, काम पर विजय पाने की कथा है। इसमें कामदेव ने भगवान को पराजित करने का प्रयास किया, लेकिन स्वयं परास्त हो गया। उन्होंने बताया कि काम या संदेह भाव से रास लीला को देखना पाप माना गया है। गोपी गीत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जब जीव में अभिमान आता है तो भगवान उससे दूर हो जाते हैं, लेकिन जब जीव विरह में तड़पता है तो भगवान उस पर अनुग्रह करते हैं। कथा में श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया गया कि उनका प्रथम विवाह विदर्भ की...