बक्सर, जुलाई 10 -- इटाढ़ी, एक संवाददाता। प्रखंड के सिकटौना गांव स्थित श्रीधराचार्य वेद गुरुकुलम के प्रांगण में वेदपाठी आचार्य और छात्रों ने वैदिक मंत्र से पूज्य गुरुदेव के प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। इसके बाद वेद परायण के साथ भजन कीर्तन का कार्यक्रम चला। इस दौरान दूर-दूर से आए भक्तों ने गुरुपूजन कर गुरु के बताए सदुपदेश से स्वयं को धन्य मानते हुए आनंद की अनुभूति प्राप्त की। गुरुकुलम के अध्यक्ष रंगनाथ द्विवेदी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इस कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। भगवान बुद्ध का भी जन्म दिवस है। व्यासजी के जन्म के समय से ही गुरु पूर्णिमा की परंपरा प्रारंभ हुई। सभी शिष्यों को अपने गुरु का सानिध्य प्राप्त कर आशीर्वचन लेना चाहिए।...