सिद्धार्थ, सितम्बर 6 -- भनवापुर, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के बिजवार बढ़ई गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के आठवें दिन गुरुवार की रात कथावाचक नितेशाचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन सुनकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कथावाचक ने बताया कि मित्रता निभाई का तरीका भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी की कथा से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछ कर महल की ओर बढ़ने लगे। द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है। द्वारपाल के मुंह से जैसे ही ...