बलरामपुर, जून 30 -- प्रवचन तुलसीपुर, संवाददाता। नगर के एक मैरिज लॉन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र का वर्णन किया गया। भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा जी की अटूट मित्रता का प्रसंग सुनकर भक्त भावुक हो उठे। कथा के बीच श्री ब्यास के भजन सुन भक्त झूम उठे। पूरा पंडाल श्रीकृष्ण व सुदामा जी के जयकार से गूंजायमान हो उठा। ब्यास पंडित ऋषि देव शास्त्री ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की नि:स्वार्थ मित्रता से सभी को सीख लेनी चाहिए। तंगहाली के जीवन से निराश होकर सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण से सहायता मांगने के लिए उन्हें द्वारिका भेजा था। मुख्यद्वार पर खड़े प्रहरियों से श्रीकृष्ण का मित्र बताते हुए सुदामा ने अंदर जाने का अनुरोध किया। सुदामा की दीन हीन दशा देखकर प्रहरियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिय...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.