बदायूं, फरवरी 12 -- क्षेत्र के गांव खैरी में ग्राम देवता मंदिर पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक अनमोल रत्न शास्त्री ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र के दुःख को बिना कहे समझ जाए। दुःख, कष्ट के समय हमेशा सहयोग के लिए खड़ा रहे। कहा कि सुदामा संसार में सबसे अनोखे भक्त रहे हैं। वह जीवन में जितने गरीब नजर आए, उतने वे मन से धनवान थे। उन्होंने अपने सुख व दुखों को भगवान की इच्छा पर सौंप दिया था। श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा के समापन पर भागवत भगवान की आरती की गई। इस मौके पर ओमसिंह पुजारी, प्रमोद कुमार, आराम सिंह, पानसिंह, उदय सिहं, देवसिंह, राजाराम, गेंदनलाल आदि मौजूद रहे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.