बक्सर, जून 20 -- बक्सर, निज संवाददाता। नगर के शिवपुरी स्थित काली मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन आचार्य रणधीर ओझा ने भगवान की रासलीला का वर्णन किया। कहा कि रास जीव का शिव के मिलन की कथा है। महारास शरीर नहीं अपितु आत्मा का विषय है। जब हम प्रभु को सर्वस्व सौंप देते हैं तो जीवन में रास घटित होता है। गोपियों ने एक गीत गाया जिसे 'गोपी गीत कहा जाता है। उनके ह्रदय की पीड़ा को देख भगवान कृष्ण प्रकट हो गए और रास घटित हुआ। महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। इसके बाद आचार्य ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह की कथा सुनाई। कहा कि नारदजी भ्रमण पर निकले तो रुक्मिणी के पिता से मिलकर कहा कि रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण से होगा। नारदजी की बात सुन रुक्मिणी के भाई रुक्मण नाराज हो जाते हैं। वे रुक...