लखीसराय, जुलाई 5 -- बड़हिया, एक संवाददाता। नगर स्थित श्रीधर सेवाश्रम धर्मशाला में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के अंतिम दिवस शुक्रवार को श्रद्धा, भक्ति और भावनाओं का अनुपम संगम देखने को मिला। कथा के नौवें दिन अयोध्या धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक सुमन भाई ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी के विवाह प्रसंग का भावपूर्ण और सरस वर्णन किया। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी विदर्भ नरेश भीष्मक की पुत्री थी। जिन्होंने बचपन से ही श्रीकृष्ण को अपना आराध्य मान लिया था। जब रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से तय हुआ, तब उन्होंने श्रीकृष्ण को संदेश भेजकर अपने प्रेम और समर्पण की भावनाएं व्यक्त की। कथा में उस क्षण का सुंदर चित्रण किया गया जब श्रीकृष्ण रथ पर सवार होकर रुक्मिणी का हरण कर उन्हें सम्मानपूर्वक अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करते हैं। सुमन भा...