सिद्धार्थ, मार्च 2 -- सोहना, हिन्दुस्तान संवाद। भनवापुर क्षेत्र के महादेव गजपुर गांव में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में चल रहे रासलीला में सातवें दिन शनिवार रात वृंदावन से आए बाल कलाकारों ने रुक्मिणी-श्रीकृष्ण विवाह का मनोहारी मंचन किया। इसे देख श्रद्धालु हर्षित हो उठे और पूरा पंडाल श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा। कलाकारों ने विदर्भ के राजा भीष्मक और उनकी पुत्री रुक्मिणी के प्रसंग का जीवंत मंचन किया। दिखाया कि रुक्मिणी श्रीकृष्ण के गुणों और सौंदर्य से प्रभावित थी। उन्होंने मन ही मन श्रीकृष्ण को अपना पति मान लिया था। भीष्मक का बड़ा पुत्र रुक्मी श्रीकृष्ण का विरोधी था, वह अपनी बहन का विवाह शिशुपाल से कराना चाहता था। शिशुपाल भी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था। जब रुक्मिणी को शिशुपाल से विवाह की तिथि का पता चला, तो उन्होंने श्रीकृष्ण को संदेश भेजा।...