संभल, सितम्बर 29 -- थाना क्षेत्र के गांव सैदपुर जसकोली में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठे दिन कथा व्यास स्वामी विजय स्वरूप जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के दिव्य विवाह प्रसंग का वर्णन कर भक्तों को भावविभोर कर दिया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान को पा लेना ही जीव की वास्तविक सफलता है। जीव जब ब्रह्म से एकाकार हो जाता है, भक्त जब भगवान में लीन हो जाता है, वही सच्चा मिलन है। रुक्मणी जी लक्ष्मी का अवतार हैं। जब उनका विवाह शिशुपाल से तय हुआ, तब उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को पत्र भेजकर शरण मांगी। भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मणी का आवाहन स्वीकार कर कुंदनपुर पहुंचकर मंदिर से रुक्मणी जी का हाथ थाम लिया और रथ में बिठाकर द्वारका ले गए। विवाह से पहले भगवान का शिशुपाल, जरासंध सहित अनेक राजाओं से भयंकर संग्राम हुआ। भगवान ने सभी को पराजित कर रुक्...