मुजफ्फर नगर, नवम्बर 17 -- सनातन धर्म सभा भवन निकट झांसी की रानी पर आयोजित कथा में पांचवे दिन कथावाचक सुधाकर महाराज ने गोवर्धन लीला का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं में से एक अति प्रमुख लीला का प्राकट्य होता है। कथा वाचक ने कहा कि जब श्रीकृष्ण नंदगांव में थे, तब गाँव के निवासी हर वर्ष इंद्र देव की पूजा करते थे, ताकि वर्षा हो और उनकी फसलों की रक्षा हो सके। श्रीकृष्ण ने ग्रामीणों को समझाया कि उन्हें इंद्र की नहीं, बल्कि अपने कर्म, गौ माता और गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि वही उन्हें सीधा लाभ देते हैं। सभी ब्रजवासी श्रीकृष्ण की बात मानकर गौ माता और गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं और वहां भोग अर्पित करते हैं। यह देख इंद्र देव अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और गोकुल पर प्रलयकारी वर्षा करते हैं। तब भगवान ...
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