मऊ, नवम्बर 2 -- मुहम्मदाबाद गोहना, हिन्दुस्तान संवाद। ब्लाक के करहां गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग की कथा ने भक्तों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। जैसे ही कथाव्यास पंडित गया प्रसाद पाठक ने देवकी-वासुदेव के आठवें गर्भ का रहस्य सुनाना शुरू किया, श्रद्धालुओं की आंखें भावनाओं से भर आईं। जन्म के मंगलगान पर महिलाएं झूम उठीं और पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो के जयघोष से गूंज उठा। कथाव्यास ने बताया कि कंस की बहन देवकी का विवाह वसुदेव से हुआ था। विवाह के समय हुई आकाशवाणी ने कंस को भयभीत कर दिया कि देवकी का आठवां पुत्र ही उसका काल बनेगा। क्रोधित कंस ने देवकी को मारने का प्रयास किया, लेकिन वसुदेवजी के समझाने पर उसने उन्हें कारागार में बंद कर दिया। छह संतानों की हत्या के बाद सातवें गर्भ में बलरामजी और आठवें...
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