विकासनगर, सितम्बर 15 -- डाकपत्थर स्थित मनोरंजन क्लब द्वितीय में चल रही भागवद कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन लीला का वर्णन किया गया। कथा में भगवान श्रीकृष्ण ने सात कोष लंबे चौड़े कलिकाल के देवता गोवर्धन नाथ को सात दिन और रात तक अपने कनिष्ठ उंगली से उठाकर रखा और इंद्र देव का अभिमान तोड़ा। कथा व्यास रामचंद्राचार्य ने कहा कि कर्म करना जीव का काम है, फल देना भगवान का कार्य है। जीवन में सफल और सुखी होना है तो भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र को अपने व अपने बच्चों के जीवन में उतारे। पूतना वध की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि कंस के आदेश पर पूतना भगवान श्रीकृष्ण का वध करने बहुत सुंदर स्वरूप रखकर आई, मानो की जैसे लक्ष्मी जी स्वयं भगवान के दर्शन करने आई हो। सभी मथुरावासी लक्ष्मी जैसा स्वरूप देखकर आश्चर्य चकित थे लेकिन भगवान ने ...