शाहजहांपुर, मार्च 25 -- चित्रा टाकीज में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथाव्यास आचार्य अंकुर शुक्ल रास के पांच अध्याय का वर्णन किया। वर्णन सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं, उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव से पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला में कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है, कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए, मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए, जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई, कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था...
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