बुलंदशहर, मई 28 -- बहलीमपुरा स्थित जालान शिव मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन मंगलवार को स्वामी डा. शंकरानंद महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत बाल लीलाओं का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया। लीलाएं सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए और श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। कथा का मुख्य प्रसंग भगवान के बाल्यकाल में किए गए अनेकों राक्षसों के वध और उनके उद्धार का था। स्वामी जी ने बताया कि कैसे कंस के आदेश पर पूतना भगवान को मारने के उद्देश्य से अपने स्तनों पर कालकूट विष लगाकर आई थी, परंतु भगवान ने उसे भी अपने मातृत्व भाव से स्वीकार कर उसका उद्धार कर दिया। यह प्रसंग भगवान की असीम कृपा और वात्सल्य को दर्शाता है। महाराज द्वारा गाए गए भजनों पर सभी श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम उठे और आनंदपूर्वक नृत्य करने लगे। इस अवसर पर ओमप्रका...