अलीगढ़, सितम्बर 19 -- अलीगढ़, संवाददाता। मंत्रा लॉज में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार को कथावाचक आचार्य भरत तिवारी ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि विवाह प्रसंग का वर्णन सुनाया। इस दौरान भक्त भजनों पर जमकर झूमे। आचार्य तिवारी ने कहा कि महारास लीला जीव और परब्रह्म के मिलन का प्रतीक है। जब आस्था और विश्वास के साथ भगवान की शरण ली जाती है तो आत्मा को भगवत प्राप्ति का फल मिलता है। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ हुआ। यह विवाह भगवान के रुक्मणि हरण के बाद संपन्न हुआ था। रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा हैं, जो नारायण से कभी दूर नहीं रह सकतीं। इस मौके पर रामजीलाल शर्मा, विनोद शर्मा, मुन्नी देवी, परीक्षित सुनील शर्मा, नीरज शर्मा, सचिन शर्मा, अंकिता शर्मा, प्रदीप शर्मा ...