नवादा, जुलाई 20 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। श्रावण माह केवल शिव भक्ति का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और संयम का अवसर भी है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन सौ यज्ञों के समान फल देता है। सावन में आहार, व्यवहार और विचार में शुद्धता विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और शुभ समय माना जाता है। मान्यता है कि यह केवल धार्मिक उत्साह का महीना नहीं, बल्कि आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का भी उत्तम अवसर है। स्कंद पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन करने को विशेष पुण्यकारी बताया गया है। सावन का महीना आत्मशुद्धि, संयम और भक्ति के अभ्यास का काल है, इसलिए इस समय ब्रह्मचर्य का पालन व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक ऊंचाई प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक संतुलन भी ...